नीमच (मध्य प्रदेश)। नीमच जिले की मनासा तहसील के ग्राम पंचायत दाता में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां की महिला सरपंच कैलाशी बाई ने 500 रुपये के स्टांप पर एक अनुबंध कर अपने सभी अधिकार गांव के ही ठेकेदार सुरेश गरासिया को सौंप दिए। यह मामला सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और सोशल मीडिया पर स्टांप वायरल होते ही यह चर्चा का विषय बन गया।
क्या है मामला?
ग्राम पंचायत दाता की सरपंच कैलाशी बाई ने अपने हस्ताक्षरित शपथ पत्र में लिखा कि वह अपने कार्यों को करने में असमर्थ हैं, इसलिए अपने सारे अधिकार और दायित्व सुरेश गरासिया को सौंप रही हैं। इसके तहत अब पंचायत के सभी कार्य वही देखेंगे, और सरपंच उनकी सहमति से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगी।
जब इस मामले की पड़ताल की गई, तो ग्राम पंचायत कार्यालय पर ताले लगे मिले, और पंचायत सचिव से संपर्क करने की कोशिश करने पर उनका मोबाइल भी बंद मिला। इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया।
प्रशासन की कार्रवाई
जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि इस मामले की शिकायत मिली थी, जिसके बाद सरपंच को धारा 41 के तहत पद से पृथक करने का नोटिस जारी किया गया और उनसे जवाब मांगा गया है। साथ ही, पंचायत सचिव को भी नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। प्रशासन का कहना है कि जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला
यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर स्टांप की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं। लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया कि क्या कोई निर्वाचित प्रतिनिधि इस तरह अपने अधिकार किसी और को सौंप सकता है?
यह घटना न केवल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या महिला सरपंच का पद सुरक्षित रहेगा या नहीं।