जिला अस्पताल में किस तरह लापरवाही बरती जा रही है उसके कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। कभी परिजनों को शव पाने कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है तो कभी शव कहीं गुम हो जाते हैं। लापरवाही का एक और उदाहरण छिंदवाड़ा जिले मे देखने को मिला जब खजरी निवासी महिला को उसके परिजनों ने कोरोना संक्रमण के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार की शाम को उक्त महिला के बेटे को जिला अस्पताल से फोन आता है कि उसकी मां की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई है। यह खबर सुनकर पूरे परिवार में मातम पसर गया और घर में चीख पुकार मच गई।
जब पूरा परिवार घर के सदस्य की मौत का दुख मना रहा था, इसी बीच फिर से जिला अस्पताल से फोन आता है कि जिस महिला की मौत हुई है वह और कोई थी आपकी मां जिंदा है, एक सा नाम होने के कारण थोड़ा कंफ्यूजन हो गया था। यह खबर सुनते ही घर के लोग जिला अस्पताल कीओर दौड़े फिर जैसे-तैसे महिला से संपर्क किया गया तथा उन्हें यह जानकारी मिली कि वह जिंदा है।
मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग की मदद से महिला ने अपने परिजनों से बात की, जिसके बाद ही परिजन के लोगों को राहत मिल पाई। हांलाकि जिला अस्पताल की लापरवाही का खामियाजा इस बात से परिवार को चुकाना पड़ा कि सभी जिला अस्पताल पहुंचे थे जिसके कारण परिवार के कई लोगों में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने लगे। गौरतलब है कि जिस तरह की लापरवाही जिला अस्पताल प्रबंधन बरत रहा है उससे लोगों को काफी समस्या आ रही है। परिजनों को मौत की सूचना दी जाती है, लेकिन जिला अस्पताल में पहुंचने पर यह जानकारी दी जाती है कि आपके परिजन का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया है।