भोपाल। सागर जिले के बंडा की रहने वाली 20 साल की आरती गौर को इस बात का अफसोस तो है कि अब उनका एक हाथ नहीं है। लेकिन उन्हें इस बात का सुकून भी है कि हमीदिया के डॉक्टरों ने उनका दाहिना हाथ बचा लिया। ऑपरेशन के करीब हफ्ते भर बाद अब आरती के हाथ में हरकत शुरू हो गई है। इससे हमीदिया के डॉक्टर भी खासे उत्साहित हैं। प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहली बार यह सफलता मिली है कि कटे हुए हाथ को फिर से जोड़ दिया गया है।
22 मार्च की रात आरती के पति ने चरित्र पर संदेह करते हुए उसे जंगल में ले जाकर उसके दोनों हाथ कुल्हाड़ी से काट दिए थे। जिला अस्पताल और सागर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने के बाद वहां के डॉक्टरों ने आरती को 23 मार्च को हमीदिया भेज दिया था। यहां अलग-अलग विभाग के 9 डॉक्टरों की टीम ने शाम 4:00 बजे से लेकर रात 1:00 बजे तक ऑपरेशन किया। आरती के हाथ की सर्जरी में अहम भूमिका निभाने वाले हमीदिया अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ आनंद गौतम ने बताया कि आरती का दाहिना हाथ 95 फीसद कट चुका था। पांच फीसद हिस्सा चमड़ी से लगा हुआ था। अच्छी बात यह रही कि सागर के डॉक्टरों ने टांका लगाकर हाथ पर बैंडेज चढ़ा दिया था, जिससे हाथ लटकने से बच गया। दाहिना हाथ जुड़ने की ज्यादा संभावना थी, इसलिए सबसे पहले पहले उसे ही जोड़ा गया था। उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहली बार कटे हाथ को जोड़ने में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि महिला का हाथ करीब 50 फीसद काम कर रहा है।