जावद। जब बेटा-बेटी बड़े हो जाते है तो माता-पिता को उनकी शादी की चिंता सताने लगती है। योग्य वर-वधु की तलाश करते हैं। देवी-देवताओं को मनाते है, मन्नते करते हैं ताकि समय पर बेटा-बेटी के हाथ पीले हो जाए। तलाश पूरी नहीं होती है तो जावद में बिल्लम बावजी के यहां मन्नत मांगने से योग्य वर-वधु आते हैं। इसी के चलते सालों से लोग बिल्लम बावजी को पूजते है और मनोकामना पूर्ण भी होती है। नीमच जिले के समीप जावद नगर की पुरानी धानमंडी में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की चल मूर्ति विराजित है। ऐसा माना जाता है कि रंगपंचमी से रंगतेरस तक इनके दर्शन एवं पूजा करने से कुंवारों की मनोकामना पूर्ण होती है। बुधवार को जावद नगर में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी विराजित हुए हैं। ढोल-ढमाकों और विधि-विधान के साथ हुई बिल्लम बावजी की स्थापना के साथ ही कुंवारों द्वारा पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया गया है। भक्तों द्वारा बुधवार को ढोल-ढमाकों और विधि-विधान के साथ बिल्लम बावजी की पूजा अर्चना कर नियत स्थान पर विराजित किया गया। नगवासियों ने बताया कि चमत्कारिक बिल्लम बावजी की मूर्ति नगर के सिद्धि विनायक गणपति मंदिर में रहती है। इस मूर्ति को रंग पंचमी के दिन निकालते हुए ढोल-ढमाकों और नाचगान के साथ धानमंडी मे स्थापित किया जाता है। स्थापना के नौ दिन बाद इस मूर्ति को पुनः मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है। इन नौ दिनों में कुंवारे युवक-युवतियों द्वारा पूजा-अर्चना कर शादी होने की मन्नत मांगी जाती है। कुंवारे लोगों के लिए बिल्लम बावजी का यह स्थान एक चमत्कारिक देवस्थल बन चुका है। रहवासियों के अनुसार पूर्व में इस देव स्थान पर आने वालों की संख्या बेहद कम थी लेकिन चमत्कार के कारण वर्तमान में यहां कुंवारों का तांता लगा रहता है। यहां कुंवारों के अलावा उनके माता-पिता या अन्य परिजन भी उनकी संतान की जल्द शादी के लिए मन्नत मांगने पहुंचते हैं। अभी तक मन्नत मांगने वाले सेकड़ो कुंवारों की शादियां हो चुकी है। इस कारण बिल्लम बावजी को भक्त कुंवारों के देवता भी कहते हैं।
पिछले वर्ष 2500 लोगो ने किये दर्शन, 500 लोगो की हुई शादी—
व्यापारीयो ने बताया कि पिछले वर्ष मे लगभग 2500 के लगभग कुंवारे बिल्लम बावजी के दर्शन के लिऐ आये थे, जिसमे से लगभग 500 लोगो की शादी हुई है। इस बार भी रविवार पंचमी के दिन सुबह से ही बड़ी संख्या मे कुंवारे दर्शन करने के लिऐ आ रहे है।
मन्नत पूरी होने पर आते है आशीर्वाद-
स्थापना होने पश्चात धोक देने वाले मनीष जैन ने बताया कि उनके मित्रों ने कुछ वर्ष पूर्व बिल्लम बावजी के दर्शन कर मन्नत मांगी थी, उनकी शादी हो गई, में भी बावजी के दर्शन कर जल्द ही शादी होने की मन्नत मांगने आया हूं।
नव दम्पत्ति संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं—
शादी होने की मन्नत पूरी होते ही दम्पत्ति एक साथ बावजी के चरणो मे माथा टेकते है व संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते है मन्नत पूरी होते ही संतान को भी बावजी का आशीर्वाद दिलाते है। दर्शन करने आये नवागत पति—पत्नी ने बताया कि हमने पिछले साल अपनी शादी जल्द होने की मन्नत मांगी थी बावजी ने मुझे आशीर्वाद दिया और हम बावजी के दर्शन करने आया हूॅ। बिल्लम बावजी की स्थापना के दौरान बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।