एक दिन पूर्व शाम से आये किसानो की उपज की निलामी शुरू नही होने से किसानो मे आक्रोश
जावद। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लहसुन भरकर बेचने के लिए सोमवार शाम से पहुंचे लेकिन व्यापारियों ने उनसे किनारा कर लिया। जब मंगलवार शाम 4 बजे तक व्यापारियों ने बोली नहीं लगाई तो किसानों का गुस्सा फूट गया। उन्होंने कृषि उपज मंडी गेट को बंद कर दिया। किसानो ने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। किसानो ने बड़ी संख्या मे एकत्रित होकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। किसानो के हंगामे की सूचना पाकर पुलिस बल के मौके पर पहुंचे। किसी तरह से किसानों को समझा बुझाकर मंडी परिसर में वापस लाया गया। व्यापारियों व किसानो की आपसी समझाइश के बाद पुन: उपज की निलामी प्रांरभ की गई।
मंडी प्रांगण मे अव्यवस्था के लगे आरोप—
नीमच रोड़ स्थित कृषि उपज मंडी पर लहसुन बेचने के लिए किसान सोमवार शाम व देर रात्रि ही किसान पहुंच गए थे। मंगलवार को मंडी शुरू होते ही किसान अपनी उपज की निलामी का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम 4 बजे तक किसान बोली लगाने के लिए व्यापारियों के आने का इंतजार करते रहे। लेकिन जब कोई व्यापारी बोली लगाने नहीं आया तो किसान एकजुट होकर मंडी गेट पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर गेट बंद कर दिया। किसानो ने यह आरोप भी लगाया है कि हमारे साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। जो पहले माल लाया है उसकी निलामी पहले की जाये परन्तु जावद मे जो बादमे माल लाया उसकी लहसुन खरीदी जा रही है। अगर अचानक बारीश हो जाती है तो माल गिला हो जायेगा और नुकसान हो जायेगा। किसान गोपीलाल धाकड़ ने बताया कि मे अपनी उपज का ध्यान रख रहा हूॅ, भूखे प्यासे है निलामी होगी तो कुछ खाऐंगे। यहा पर पिने के पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था नही है। किसानो ने मंडी प्रशासन पर अव्यवस्थाओं के भी आरोप लगाये है।
दोपहर तक किया बोली लगने का इंतजार—
नीमच रोड़ स्थित कृषि उपज मंडी पर लहसुन बेचने के लिए किसान सोमवार शाम 4 बजे ही पहुंच गए थे। मंगलवार को मंडी शुरू होते ही किसान अपनी उपज की निलामी का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम चार बजे तक किसान बोली लगाने के लिए व्यापारियों के आने का इंतजार करते रहे। कोई नहीं आया तो किसान एकजुट होकर मंडी गेट पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर गेट बंद कर दिया। मंगलवार शाम 4 बजे किसानो द्वारा मंडी गेट बंद व प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस बल पंहुचा व समझाइश के बाद किसानो ने हंगामा बंद किया।
इनका कहना—
में अपने गांव सरोदा से सोमवार की शाम से आया हूॅ। लहसुन का ढेर खाली कर दिया था। मंगलवार शाम 4 बजे तक निलामी नही की गई। अचानक बारीश आ जाती है माल चोरी हो जाता है तो कौन जिम्मेदार हमारे साथ भेदभाव हो रहा है।— गणपत गुर्जर, किसान।
मै एक दिन पूर्व शाम 7 बजे से आया हूॅ अपना माल खाली कर दिया। दोपहर तक निलामी शुरू नही हुई है। यहां पर अव्यवस्था हो रही है। पीने के पानी की व्यवस्था नही है। बादमे आये किसनो का माल बिक गया, मंडी प्रशासन भी इस ओर ध्यान नही देता है। किसानो के लिऐ उचित व्यवस्था नही है।— सुनील अहीर पीलखेड़ा, किसान।
व्यापारियों पर जो आरोप लगे है वो गलत है, भेदभाव नही किया जा रहा है। किसानो को उसकी उपज अनुसार पर्याप्त भाव दिये जा रहा है, पैमेंट भी करना होता है। किसानो को परेशानी न हो यह प्रयास व्यापारियों के हमेशा रहते है। — जिनेन्द्र बागड़िया, अध्यक्ष मंडी व्यापारी संघ, जावद।
मै प्रशासनिक बैठक मे था, मंडी मे निलामी चालू करवा दी है। पानी की व्यवस्था की गई है, मंडी मे जो अव्यवस्थाऐं है उसका भी निराकरण उच्चाधिकारीयो चर्चा करके किया जायेगा। किसानो को कोई समस्या नही आयेगी। किसानो की उपज की निलामी को लेकर व्यापारीयो से चर्चा करेंगे। आगे से कोई समस्या नही आने दी जायेगी। — समीर दास, सचिव कृषि उपज मंडी, जावद।