सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर कोरोना संकट को लेकर सरकार को फटकार लगाई। कोरोना के बढ़ते मामलों और मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था और केंद्र को नोटिस जारी कर कोरोना से निपटने के लिए नेशनल प्लान मांगा था। इस मसले पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट की बेंच में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि राष्ट्रीय संकट के समय यह अदालत मूकदर्शक नहीं रह सकती। अदालत सहयोग के दृष्टिकोण से सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट से निबटने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में कई तरह के सवाल किये और जवाब मांगा -
- ऑक्सीजन को लेकर पूरा प्लान क्या है, फिलहाल कितना ऑक्सीजन है, इसका बंटवारा कैसे-कैसे होता है, राज्यों में फिलहाल स्थिति क्या है?
- एक मई से सबको वैक्सीन कैसे मिलेगी, देश के पास फिलहाल कितनी वैक्सीन हैं, सबको टीका कैसे लगेगा, इसके लिए सरकार की प्लानिंग क्या है?
- कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमत क्यों हैं? वैक्सीन के कीमत निर्धारण का आधार क्या है?
- रेमडेसिविर जैसी जरूरी दवाओं की आपूर्ति के लिए क्या तैयारी है?
- राज्य सरकारों से पूछा गया कि कोरोना संकट में उनके पास क्या-क्या इंतजाम हैं?