गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा, शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा
जावद। गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकालकर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की शुरुआत की गई। भागवताचार्य पं. अशोक भारद्वाज के मुखारविंद से धार्मिक नगरी वृंदावन धाम में संगीतमय भागवत कथा का आयोजन श्री वैष्णव भक्त मंडल के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। शुक्रवार को बैंड-बाजे, ढोल ढमाको के साथ सैकड़ों महिलाएं कलश लेकर निकली । कलश यात्रा कथा स्थल से निकली, इसमे जावद नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र की 250 से ज्यादा धर्मप्रेमी जनता वृंदावन पँहुची है । पोती को सिर पर धारण कर जयकारों के साथ निकले । व्यासपीठ से भागवताचार्य ने कहा कि भगवान का नाम लिखने से समंदर में भी पत्थर तैरने लगा— जिसको आना है उसको इस जीवन से जाना है। भागवत कथा सुनने से मन मंगलमय और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसलिए जीवन में कथा का श्रवण करना चाहिए। कथा में कभी भी निंद नही निकालना चाहिए, निंद निकालने वाला का कभी भी उद्धार नही होता है। मन और चिंतन को एकाग्रता करने पर ही कथा हद्धय में उतरती है, भगवान के नाम में बहुत शक्ति है, भगवान का नाम लेने से मोष की प्राप्ति होती है। भगवान का नाम लिखने से समंदर में पत्थर भी तैरने लग गए, इसलिए सभी को सुबह, शाम, रात को प्रभु का नाम लेना चाहिए।