भक्तो ने श्री कृष्ण की अनोखी बाल लीलाओं के बारे मे जाना
जावद। धर्म नगरी वृंदावन मे हो रही भागवत कथा मे भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन हुआ। साथ ही गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग प्रसाद का आयोजन भी किया गया। इस दौरान कथावक्ता ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण होता है और मुक्ति मिलती है। पं.भारद्वाज ने भगवान कृष्ण की माखनलीला का वर्णन सुनाया और कहा कि भगवान कृष्ण ने इस वृंदावन और गोकुल मथुरा में एसी लीलाएं की,सभी देवता प्रसन्न हो गए आज भी यहाँ भगवान का वास है गली-गली में भक्त राधे-राधे का नाम जपते रहते है ।
ब्रह्माजी भी कृष्ण की बाल लीलाओं से मोहित हो गए—
उन्होंने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण वासियों का एकत्र करके गोवर्धन पूजन की । इस पूजन को देखकर इंद्र के मन की कुंठा उत्पन्न हो गए और इंद्र ने अपने सातों मेघ को आदेश दिया कि बृज के ऊपर घनघोर बारिश की जाए। ब्रज वासियों को इंद्र के कोप से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन को धारण कर लिया तब से भगवान श्री कृष्ण को गिरिराज धरण श्री कहा जाता है। कथा के दौरान छप्पन भोग दर्शन एवं अन्नकूट का आनंद ग्रामवासियों को कराया गया । गुरुवार को पूर्णाहुति एवं श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम होगा ।