माघ माह, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी से 21 फरवरी तक गुप्त नवरात्र मनाई जाएगी। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 8:34 से 9:59 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:13 से 12:58 बजे तक की जा सकती है। इस बार माघ नवरात्रि दस दिनों की होगी। क्योंकि 17 व 18 फरवरी को दोनों दिन षष्टी तिथि रहेगी। गुप्त नवरात्रियों में मां भगवती की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से ज्यादा होता है।
साल में चार नवरात्र को खास माना गया है, लेकिन साल की दो नवरात्रि को ही अधिकांश लोग जानते हैं, जो चैत्र और शारदीय नवरात्र कहलाते है। वहीं इन दो नवरात्र के अलावा भी दो नवरात्र होते है, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। माघ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्र को माघी नवरात्र भी कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। क्योंकि इस दौरान मां की आराधना गुप्त रुप से की जाती है।