माघ महीना काफी पवित्र माना जाता है और इस माह में तप और व्रत का विशेष महत्व है। माघ महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षट्तिला एकादशी कहा जाता है। षट्तिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है और इस साल षट्तिला एकादशी व्रत 7 फरवरी 2021 है।
षट्तिला एकादशी व्रत कथा :-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में पृथ्वी लोक पर एक विधवा ब्राह्मणी रहती थी, जो श्रद्धालु प्रवृत्ति की थी। पूरी श्रद्धा से पूजन किया करती थी। एक बार की बात है कि उस ब्राह्मणी ने पूरे एक माह तक व्रत रखकर उपासना की। व्रत के प्रभाव से उसका शरीर तो शुद्ध हो गया परंतु वह ब्राह्नणी कभी अन्न दान नहीं करती थी। तभी एक दिन भगवान विष्णु स्वयं उस ब्राह्मणी के पास भिक्षु का रूप धारण कर दान मांगने पहुंचे। जब विष्णु भगवान ने भिक्षा मांगी तो उसने एक मिट्टी का पिण्ड उठाकर दे दिया। जब ब्राह्मणी देह त्याग कर विष्णु लोक में पहुंची तो उसे यहां एक खाली कुटिया और आम का पेड़ प्राप्त हुआ। खाली कुटिया को देखकर ब्राह्मणी ने प्रश्न किया कि भगवन मैं तो धर्मपरायण हूं, फिर मुझे खाली कुटिया क्यों दी गई है। तब भगवान विष्णु ने ब्राह्मणी को पूरी वृत्तांत बताया। इसके बाद भगवान विष्णु ने उस ब्रह्माणी को बताया कि जब देव कन्याएं मिलने आएं, तब अपनो द्वार तभी खोलना जब वो आपको षटतिला एकादशी के व्रत का विधान बताएं। इसके बाद ब्राह्मणी ने पूरे विधि-विधान के साथ षटतिला एकादशी का व्रत किया तो उसकी कुटिया धन-धान्य से भर गई और सुखी जीवन व्यतीत करने लगी।