काशी। दक्षिण भारतीय मंदिरों में प्रवेश के लिए अक्सर नियमों का पालन करना होता है और उसमें सबसे अहम होता है ड्रेस कोड। काशी विश्वनाथ मंदिर में नई ड्रोस कोड व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके बाद मंदिर में पुरुषों को जहां उज्जैन के महाकाल मंदिर की तरह धोती और कुर्ता पहनकर प्रवेश करना होगा वहीं महिलाओं को साड़ी में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं है कि जींस और टीशर्ट पहने लोग मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। लेकिन उन्हें भगवान को छूकर दर्शन का लाभ नहीं मिल सकेगा और दूर से ही हाथ जोड़ने पड़ेंगे। दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान के स्पर्श पूजन का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा और स्पर्श दर्शन से राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस मंदिर में दर्शन करने और पूजा से विशेष लाभ होते हैं और पूरे जीवन सभी शिवलिंगों के दर्शन और पूजा से जो फल मिलना मुश्किल है वो यहां एक ही बार पूजा करने से मिल जाता है।