राजकोट। गुजरात के राजकोट में एक मासूम को बेरहमी से जान से मारने की कोशिश की गई। मासूम को करीब 20 बार चाकू से गोदा गया। अस्पताल में वह जिंदगी की जंग लड़ रही है। कलेक्टर ने उसके इलाज में आने वाले खर्च को वहन करने की घोषणा की है। जख्मी बच्ची को 'अंबे' नाम दिया गया है। बुधवार को माहिक और थेबाचाड़ा गांवों के बीच एक खुले मैदान में यह नवजात बच्ची घायल अवस्था में मिली थी। क्रिकेट खेलने के लिए गए कुछ लड़कों ने उसके रोने की आवाज सुनी। जब लड़कों ने बच्ची के रोने की आवाज पर ध्यान दिया तो उन्होंने देखा कि एक कुत्ता अपने दांतों के बीच बच्ची को ले जा रहा था। लड़कों ने नवजात को बचाने के लिए कुत्ते को पत्थर मारकर भगाया, जिससे वह बच्ची को छोड़कर भाग गया। लड़कों द्वारा बच्ची को उठाने के बाद देखा तो वह दर्द से कराह रही है और उसके शरीर पर कम से कम 20 बार चाकू से वार किया गया था।
बच्ची के शरीर पर चाकू के निशान से पता चलता है कि उसके जन्म के बाद न केवल उसे लावारिस छोड़ दिया गया बल्कि उसको क्रूरता से मारने की कोशिश भी की गई। जानकारी के मुताबिक बच्ची को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है। मासूम का इलाज कर रही डॉ. ने बताया कि यहां लाए जाने पर उसकी पीठ पर कम से कम 20 चाकू के घाव थे। उसके मुंह में मिट्टी थी और वह सांस भी नहीं ले पा रही थी, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है। बाद में बच्ची को राजकोट के अमृता अस्पताल में भर्ती कराया गया।