मन पवित्र हो तभी भागवत ज्ञान की प्राप्ति होती हैं- गोविंद उपाध्याय महाराज
Report By: । नीमच खबर | 06, Jan 2025
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नीमच। भागवत कथा श्रवण करने से मन पवित्र होता है। मन पवित्र हो तभी ज्ञान प्राप्त होता है। भागवत ज्ञान व्यक्ति को सत्य की राह के साथ चलकर पवित्र कर्म करने की प्रेरणा देता है ।भगवत ज्ञान को जीवन में आत्मसात करें तो मनुष्य के जीवन का कल्याण हो सकता है। यह बात अटल गौरव पुरस्कार से सम्मानित भागवत आचार्य गोविंद उपाध्याय महाराज ने कही। वे बघाना फतह चौक गोपाल मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रोध पर सदैव नियंत्रण रखना चाहिए। घर में शांति रहेगी तभी घर परिवार का विकास हो सकता है।

परिवार में विनम्रता और विश्वास रहता है तो सुख शांति रहती है। कृष्ण ने अपने जीवन में भारतीय देसी गौ माता की सेवा की और महानता को प्राप्त किया। देसी गौ माता का दूध ही प्रयोग करना चाहिए। पहली रोटी गाय की निकालना चाहिए। आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाना चाहिए। भोजन का पहले भगवान को भोग लगाना चाहिए उसके बाद ही घर परिवार में प्रसाद वितरण करना चाहिए। तभी सभी की बुद्धि निर्मल होगी और सभी का कल्याण होगा। गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता है। जो तपस्या करते हैं भगवान उनको स्वीकार करते हैं। भागवत ज्ञान गंगा को एकाग्रता के साथ श्रवण करें तो आत्मा को शांति मिलती है। भगवान की भक्ति में सदैव करते रहे परमात्मा कब जीवन में खुशियों दे किसी को पता नहीं होता है। कृष्ण को विदुरानी द्वारा केले के छिलके खिलाने विदुर प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भगवत प्राप्ति में दिखावा नहीं प्रेम होना चाहिए। साधु संतों का संगत करना चाहिए। इससे जीवन का कल्याण होता है। मन पवित्र हो तभी परमात्मा के दर्शन होते हैं। कण कण में भगवान होता है। आहार और व्यवहार शुद्ध हो तो जीवन का कल्याण होता है। मन पवित्र करे घर स्वर्ग बन सकता है। बेटा बेटी को खूब पढ़ाना चाहिए लेकिन पढ़ाई के साथ नैतिक शिक्षा के संस्कार के सिखाना चाहिए। तभी वे अपने जीवन को सफल बना सकें। दीन दुखियों की सेवा का संस्कार भी सिखाना चाहिए ताकि उसके जीवन में पुण्य धर्म के संस्कार भी बढ़ते रहे। ध्रुव ने 6 वर्ष की अल्पायु में तपस्या कर भगवान की गोद‌‌ को प्राप्त किया और 12 हजार वर्ष राज करने का वरदान प्राप्त किया था। सुनीति को अपनाएंगे तो ध्रुव जैसा संतान अवश्य जन्म लेगी जो भगवान को प्राप्त करा देगा। भागवत कथा में महाराज ने आर्युवेद धनवंतरी, 56 भोग, माखन लीला, ग्वाल पाल के खेल, गरुड़, कालिया नाग का वध, संवाद मीरा, राधा कृष्ण, प्रियव्रत उत्तानपाद सुनीति, तुलसीदास के प्रसंग, सुरुचि, कबीर, कुबेर, सुखदेव, अजामिल, ध्रुव आदि धार्मिक प्रसंग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। आरती में अग्रवाल पंचायत समिति भागना नीमच के अध्यक्ष कमल गर्ग, सचिव गोपाल गर्ग कोषाध्यक्ष राजेंद्र गर्ग, उपाध्यक्ष राजेंद्र गर्ग, व्यवस्थापक चंचल गर्ग, मंदसौर से आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर गिरीश भार्गव, योगेंद्र योगी सहित अनेक लोगों ने भगवताचार्य गोविंद उपाध्याय महाराज का शाल श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। श्रीमद् भागवत कथा में सभी महिलाएं नीले परिधानों में सहभागी बनी। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।


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