होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने का अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। यह संकल्प भाजपा विधायक सुदेश राय, विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, डा. सीतासरन शर्मा व प्रेमशंकर वर्मा ने रखा। इसका विपक्ष ने भी समर्थन किया। सरकारी दस्तावेजों में नर्मदापुरम नामकरण करने के लिए संकल्प केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
डा. शर्मा ने कहा 14वीं शताब्दी में हुशंगशाह गौरी यहां आया था। उसके नाम पर यह नामकरण किया गया। कुछ दिन बाद वह तो चला गया, लेकिन शहर अभी तक उसके नाम पर जाना जाता रहा। वर्ष 1199 के संदर्भ में नर्मदापुर का इतिहास मिलता है। यह भी मान्यता है कि पचमढ़ी में पांडव वनवास के दौरान रूके थे।
धार्मिक महत्व वाले इस शहर का नाम आक्रमणकारी के नाम पर होना गलत है। विजयपाल सिंह ने कहा कि लुटेरे के नाम पर शहर का नाम क्यों रखा जाना चाहिए। कांग्रेस ने होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने के संकल्प का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस अशासकीय संकल्प को पारित करने की घोषणा की।