महू। सैन्य संस्था इंफेन्ट्री स्कूल के एक अधिकारी ले. कर्नल प्रसाद बंसोड ने देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल बनाई है। नौ मिलीमीटर की इस मशीन पिस्टल को एएसएमआइ यानी 'अस्मि" कहा जा रहा है। जिसका अर्थ है गर्व, आत्मसम्मान और कड़ी मेहनत। इस बंदूक को केवल चार महीनों में डीआरडीओ के तहत आने वाले आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) पुणे की सहायता से विकसित किया है।
यह मशीन पिस्टल 9 मिलीमीटर की गोली दागती है। मशीन पिस्टल का ऊपरी हिस्सा हवाईजहाज के निर्माण में उपयोग किये जाने वाले उच्च गुणवत्ता के एल्युमीनियम से बना है और निचला हिस्सा कार्बन फाइबर से बनाया गया है। यह बंदूक 3डी प्रिंटिंग प्रोसेस से बनाई गई है, वहीं इसके दूसरे जरूरी हिस्सों को धातु की 3डी पेंटिंग से तैयार किया गया है। इस बंदूक में 8 इंच का बैरल है और इसमें उच्च गुणवत्ता वाली 33 राउंड मैगजीन है यानी एक बार मैगजीन लोड करने पर यह 33 राउंड फायर करेगी। यह मशीन 100 मीटर के दायरे में सटीक फायर कर सकती है। इसकी लागत 50 हजार से भी कम आई है।
महू के सैन्य संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग और इंफेन्ट्री स्कूल पिछले काफी समय से रिसर्च और डेवलपमेंट पर लगातार काम करते रहे हैं। बताया जाता है कि इन संस्थानों में कई और भी दूसरे उपकरण विकसित किए जा रहे हैं। आर्मी वॉर कॉलेज लगातार सेना की आरएंडडी को बेहतर करने के लिए संगोष्ठियां आयोजित करता आ रहा है। ऐसे में इन संस्थानों में हो रही इस मेहनत का लाभ अब देश को मिलता भी दिखाई दे रहा है।