आज रात में मेटियोर शावर यानी उल्काओं की बारिश को देखने का बेहद खूबसूरत नजारा देखने का मौका है। सोमवार रात इस घटना में 60 से 200 जलती उल्काओं को प्रति घंटे देखा जा सकता है। इस अद्भुत खगोलीय घटना को 12 जनवरी तक देखा जा सकता है। साल की पहली आसमानी आतिशबाजी यानी उल्कावृष्टि शुरू हो चुकी है। सोमवार को आसमानी आतिशबाजी चरम पर रहेगी। उल्कावृष्टि को लोग सामान्यतया तारा टूटना कहते हैं, जबकि हकीकत में जब किसी धूमकेतु द्वारा छोड़े गया धातु, धूल-कण आदि मलबा पृथ्वी के वातावरण से टकराता है तो वह जल उठता है और यही आतिशी नजारा उल्कावृष्टि बनता है। इस खगोलीय घटना को बेहतर ढंग से देखने के लिए रोशनी से दूर अंधेरे वाले स्थानों में जाना होता है। एस्ट्रोफोटोग्राफर ऐसे ही शांत व अंधेरे वाले स्थानों से इस घटना को कैमरे में कैद करते हैं।