प्लॉट खरीदने से पहले जांच लें कि कॉलोनी अवैध तो नहीं, अवैध कॉलोनी मे प्लाट लिया तो नही मिल पायेगी मूलभूत सुविधाऐ
Report By: Desk | 24, May 2024
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जावद। कॉलोनाइजर को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। जरूरी अनुमति प्रस्तुत नहीं करने पर  नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में जिला प्रशासन जमीन को कब्जे में लेगी। फिर प्रशासक नियुक्त कर वहां के खाली प्लॉट बेचेगा। इससे आए पैसे से उस कॉलोनी में विकास कार्य किया जाएगा। इसमें संबंधित कॉलोनाइजर पर FIR भी कराई जाएगी। सर्वे में नई बनने वाली और पुरानी कॉलोनी को जोड़ा गया है। इसमें वह कॉलोनी भी शामिल हैं, जिन पर पहले FIR हो चुकी है। कॉलोनी की जमीन बेचने से मिले पैसों से वहां बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

अवैध कॉलोनीयों के खिलाफ पहली बार ऐसी कार्रवाई—

अवैध कॉलोनी के खिलाफ अब तक एक साथ कभी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन शिकायत मिलने पर कॉलोनाइजर को नोटिस देता था। उसके बाद वहां पर सिर्फ सड़क और बाउंड्रीवॉल तोड़ दी जाती थी। अब प्रशासन जमीन पर कब्जा लेकर उसे विकसित करेगा।

शिवराज सरकार ओर मोहन सरकार की पॉलिसी अलग—अलग— अवैध कॉलोनी - शिवराज और मोहन की पॉलिसी अलग-अलग देखने को मिल रही है। विधानसभा चुनाव से पूर्व शिवराज ने कहा था-सभी कॉलोनियों वैध होंगी। अब सीएम डाॅ. मोहन की दो टूक-कोई भी कॉलोनी वैध नहीं होगी।

मध्य प्रदेश में 2500 से अधिक अवैध कॉलोनीयों का अधिग्रहण किया जाएगा—

साल 2016 के बाद पूरे प्रदेश में बनीं 2500 से अधिक अवैध कालोनियों को वैध नहीं किया जाएगा। पूर्व में 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की चर्चा थी, लेकिन उसका कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ और नई सरकार ने अवैध कॉलोनियों को बनने से रोक कर शहरों का विकास उनकी प्लानिंग के अनुसार करने का निर्णय लिया है।

अवैध को वैध करने का अब कोई विकल्प नहीं—

अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने और नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर सभी जिलों में कार्रवाई शुरू हो रही है। किसी भी स्थिति में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का कोई भी विकल्प अब नहीं है।

खेती की जमीन पर काटी जाती हैं कालोनियां—

जावद क्षेत्र में ज्यादातर अवैध कालोनियां खेती की जमीन पर काटी जाती हैं। कालोनाइजर खेती की जमीन सस्ते दामों में खरीद लेते हैं। उसके बाद उस जमीन में प्लाट काटकर कालोनी बना देते हैं, लेकिन उसके लिए डीटीपी विभाग से अनुमति नहीं लेते। नगर के लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें प्लाट बेच देते हैं। विद्युत विभाग का कहना है कि कॉलोनी में विद्युत कनेक्शन के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन करने की जिम्मेदारी कॉलोनाइजर की होती है। लेकिन कई कॉलोनीयों में न तो लाइट के खंभे और न लाइन लगी है। ऐसे में अब नया कनेक्शन नहीं दिया जा सकता । अभी वर्तमान मे जो कनेक्‍शन है उसमे वॉल्‍टेज की कमी के कारण कॉलोनीवासीयों के टीवी, फ्रीज, पंखे, एसी, मशीन सहित अन्‍य इलेक्ट्रिानिक उपकरण खराब हो चूके है।

कॉलोनी का नाम देकर बेच देते है प्लाट—  

जावद नगर मे ऐसे कई प्रापर्टी ब्रोकर है जो कॉलोनी का नाम देकर प्लाट बेच देते है और बादमे मूलभूत सुविधाओ को लेकर नागरिक परेशान होते है।  प्लाट व मकान खरीदने वालों को बिजली पानी और सड़क व नाली जैसी बुनियादी सुविधाएं न मिलने से वे परेशान हो रहे हैं। कई नागरिको को विद्युत विभाग के द्वारा कनेक्‍शन काटने के नोटिस पूर्व मे दिये गये है व जहां पर अनुमति लेकर मकान बनाया जा रहा है वही पर भी नगर परिषद व विद्युत विभाग द्वारा सुविधाये नही दी जा रही है।

इनका कहना है —

सोच समझकर प्लॉट खरीदे, जो अवैध कॉलोनी है उसकी शिकायत आते ही कार्यवाई करेंगे। नगर मे जितनी भी कॉलोनिया है जहां पर लोग निवास कर रहे है, वैध—अवैध को लिस्टिंग कर नियमानुसार निर्णय लेंगे। कोई कृषि भूमि है, उसको प्लाट का नाम देकर नामांतरण के आवेदन आते है तो उन्हे निरस्त करेंगे।  — राजेश शाह, एसडीएम जावद।


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