केंद्रीय शहरी विकास सचिव ने पेयजल योजनाओं के लिए नगरीय निकायों को संचालन और संधारण की राशि देने से इनकार कर दिया
नीमच खबर। लोकसभा चुनाव के बाद आपकी जेब पर जबरदस्त भार पड़ने वाला है. सरकार प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स, कचरा प्रबंधन, सीवेज और पानी का शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रही है. प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि कचरा प्रबंधन, सीवेज और पानी के शुल्क में होने वाली बढ़ोतरी से अलग होगी. सरकार कचरा प्रबंधन, सीवेज और पानी पर जितना खर्च करती है, उसी अनुपात में इसका शुल्क बढ़ाएगी. जबकि, प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से बढ़ाया जाएगा. कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक दो सालों में जितना प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया गया है उसी के मुताबिक नया टैक्स निर्धारित किया जाएगा. सरकार ने इसके लिए अलग योजना बना रखी है।
सफाई, पानी, सीवेज के 100% खर्च की नागरिकों से वसूली—
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 2020 में राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे अगले तीन साल में यूजर चार्जेस यानी सफाई, पानी और सीवेज पर होने वाला 100% खर्च नागरिकों से वसूलना शुरू करें। इसके लिए राज्य सरकार ने तीन साल का स्लैब बनाकर निकायों को दिया था, लेकिन चुनावों के कारण इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। केंद्र ने यूजर चार्ज को 15वें वित्त आयोग की राशि से जोड़ दिया है। आयोग की गाइडलाइन में कहा गया है कि यूजर चार्ज बढ़ाने वाले निकायों को अधिक अनुदान मिलेगा। इस आधार पर देश के अन्य शहरों में यूजर चार्ज बढ़ाए गए हैं।
केंद्र ने इस बात से कर दिया था इंकार—
गौरतलब है कि केंद्रीय शहरी विकास सचिव अनुराग जैन ने भोपाल में केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होंने पेयजल योजनाओं के लिए नगरीय निकायों को संचालन और संधारण की राशि देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने बैठक में साफ कह दिया था कि अब निकायों को आत्मनिर्भर होना होगा. उनकी इसी बात पर नगरीय विकास विभाग नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों को यूजर चार्ज की वसूली जनता से करने के निर्देश दे रहा है।